नियोजित शिक्षकों को सरकार ने दिया झटका,नौकरी प्यारी है तो ये शर्ते माननी ही पड़ेंगी,जानिए क्या है शर्ते।

 नियोजित शिक्षकों को नियमित होने से पहले देनी होगी कठिन परीक्षा



 नियोजित शिक्षकों को नियमित करने का वादा कर चुकी सरकार कड़े इम्तिहान का फैसला ले रही है। यह इम्तिहान उन शिक्षकों को देना होगा, जो अभी नियोजित हैं और उन्हें अभी नियमित होना है। कमेटी की पिछली दिनों हुई बैठक में सदस्यों द्वारा कुछ फैसले लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि नियोजित शिक्षकों को नियमित होने से पहले कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा।


 पास नहीं हुए तो हटा दिए जाएंगे

 कमेटी ने यह भी तय किया है कि 12वीं पास के आधार पर पंचायत शिक्षा मित्र, जिनकी संख्या करीब 1.25 लाख हैं, उन्हें नियमित करने के लिए कड़ी परीक्षा ली जाएगी। फेल होने पर उन्हें हटा दिया जाएगा। जो शिक्षक शिक्षण कार्य के लायक नहीं हैं, उनपर राज्य सरकार अनावश्यक पैसा खर्च नहीं करने का फैसला ले चुकी है। इसी बहाने सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुधराने की बात सोच रही है।

 वहीं, टीईटी और एसटीईटी पास करीब पौने तीन लाख नियोजित शिक्षकों को भी नियमित होने के लिए कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। इनसे छात्रों के पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। अगर ये शिक्षक फेल करते हैं तो इन्हें एक मौका और दिया जाएगा। वेतनमान होगा क्या, इसपर चर्चा अभी चल ही रही है।

 पीपीपी मॉडल के जरिए सुधारी जाएगी शिक्षा की गुणवत्ता

 अब यह तय किया जा रहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने व इसे पटरी पर लाने के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा। नियमित करने की प्रक्रिया के बाद बचे रिक्त पदों को भरा जाएगा। 50 फीसदी रिक्त पदों को बीपीएससी तथा 50 फीसदी को कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों से भरे जाएंगे। नियोजित शिक्षकों की नियमावली में इन शिक्षकों की सेवा 11 महीने में ब्रेक करने की बात कही गई थी। इतना ही नहीं, इन शिक्षकों के लिए सर्विस बुक का प्रावधान भी नहीं किया गया था। सरकार ने इसका ख्याल नहीं रखा और सर्विस जारी रखकर सर्विस बुक भी खोल दी। ये सरकार की तकनीकी चूक थी

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