LAC समझौता एक नजर

LAC_समझौता ताजा हालात
 भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके चारों ओर सीमा विवाद पनप चुका है लेकिन भारत और पाकिस्तान और भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ही सबसे अहम् माना जाता है।

* पाकिस्तान के साथ लगने वाली लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल पर लगभग हर हफ्ते गोलीबारी की घटनाएँ होतीं रहतीं हैं जिसका भारतीय सैनिक भी माकूल जवाब देते हैं।
* हालाँकि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद आमतौर पर शांतिपूर्ण रहता है लेकिन

* 17 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर चीन के सैनिकों ने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर तेज धारदार हथियारों और चाकुओं से हमला कर दिया था इसमें करीब 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गयी है और इससे ज्यादा चीन की


* इससे पहले सन 1975 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार भारतीय सैनिक शहीद हुए थे तब से दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है लेकिन गोली चलने की नौबत नहीं आई थी
* भारत-चीन के बीच सबसे बड़ी लड़ाई 20 अक्टूबर, 1962 को शुरू हुई थी जो कि करीब एक महीने तक चली थी यह युद्ध भारत ने बिना किसी तैयारी के लड़ा था।
* भारत-पाकिस्तान सीमा पर यानी नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी होनी आम बात जैसी है, लेकिन भारत और चीन के बीच LAC पर चाहें जितने भी गंभीर हालात बन जाए. बड़े से बड़े तनाव के बावजूद बात हाथापाई तक ही सीमित रहती है, इसके पीछे की वजह एक समझौता है
* 3500 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी नहीं होने वाला समझौता साल 1993 में हुआ था
* भारत और चीन के बीच 1993 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव का चीन के साथ चीन दौरे के समय सीमा शांति का एक समझौता हुआ था
* भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते की सबसे पहला बिंदु ये था कि भारत-चीन सीमा विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किये जाने पर जोर दिया जाएगा. साथ ही उस वक्त ये भी तय था कि कि दूसरे पक्ष के खिलाफ सेना प्रयोग और बल की धमकी नहीं दी जाएगी
* इस समझौते में यह तय हुआ कि दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर गश्त के दौरान हथियार का इस्तेमाल नहीं करेंगी
* रैंक के अनुसार जिन अधिकारियों के पास बंदूक होंगी भी तो उनका मुंह जमीन की तरफ होगा
* इसके लिए जवानों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि किसी भी हालत में सैनिक हथियारों का इस्तेमाल न करें
* दोनों देशों (चीन और भारत) की सेनाओं की गतिविधियां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से आगे नहीं बढ़ेंगी. यदि किसी भी पक्ष के जवान LAC को पार करते हैं, तो उधर से संकेत मिलते ही तुरंत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में वापस चले जाएंगे
* चीन और भारत के बीच मित्रता के संबंधों को स्थापित रखने के लिए LAC पर दोनों ही पक्ष से कम से कम सैन्य बल की तैनाती रखी जाएगी
* लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सैन्य बलों की सीमा, इसकी तादाद को बढ़ाने और अन्य अहम मुद्दों के लिए दोनों देशों के बीच आपसी सलाह-मशविरा करके ही फैसला लिया जाएगा
* LAC पर सहमति से पहचाने गए इलाकों में दोनों देशों के किसी भी पक्ष की सेना अभ्यास के स्तर पर काम एक्टिविटी नहीं करेगी
* लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC के आस पास सैन्य अभ्यास के पहले एक दूसरे को सूचित करना आवश्यक होगा
* दोनों देशों (भारत और चीन) की वायुसेना LAC घुसपैठ न करे और वायुसीमा पार न करे इसके लिए भी मानक तय किया गया
* यही कारण है कि आपने देखा होगा कि भारत और चीन के सैनिक आये दिन एक दूसरे से बिना हथियार के भिड़ते नजर आते हैं
* लेकिन गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने इस बार 1993 में हुए समझौते का उल्लंघन किया और निहत्थे भारतीय सैनिकों पर गोलियां चलायीं जिससे भारत के 20 जाबांज सैनिक मारे गये हालाँकि बाद में भारत ने भी जरूरी कार्रवाई करते हुए चीनी सैनिकों को मारा है
* सारांश के तौर पर यह कहा जा सकता है कि युद्ध कितना भी बड़ा क्यों ना हो अंत में दोनों देशों के बीच होता समझौता ही है
* इसके पहले भी भारत और चीन के बीच समझौता ही हुआ था अब समझदारी इसी बात में हैं कि दोनों देशों के सेन्य अधिकारी और नेता शांतिपूर्वक सीमा विवाद का रास्ता तैयार करें

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