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त्रिदिवसीय पूर्णकालिक बैठक सम्पन्न
विदित हो कि लोक शिक्षा समिति, बिहार में 29.10.2021 से 31.10.2021 तक चलने वाली त्रिदिवसीय पूर्णकालिक बैठक का आज समापन हो गया । समापन सत्र में माननीय क्षेत्रीय सचिव, श्री नकुल कुमार शर्मा, माननीय प्रदेश सचिव, श्री मुकेश नन्दन, सह सचिव श्री रामलाल जी एवं सभी पूर्णकालिकों ने विद्यालय के विकास हेतु आगामी योजनाओं पर विचार विमर्श किया ।
बैठक के प्रथम दिवस पर माननीय क्षेत्रीय संगठन मंत्री महोदय, श्रीमान ख्यालीराम जी भी उपस्थित रहें। जिन्होंने सभी पूर्णकालिकों का मार्गदर्शन किया ।
उन्होंने गत कोरोना काल में सभी पूर्णकालिकों के माध्यम से होने वाले सेवा कार्यों की प्रसंशा की। साथ ही आगे आने वालें चुनौतियों के लिए भी तैयारी जारी रखने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसपर कि राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है उसे विद्यालयों में विस्तृत रूप से लागु करवाने की आवश्यकता है।
इस शिक्षा नीति के लागु होने के उपरांत भैया/बहनों कक कैसी शिक्षा मिलें जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो, उद्देश्य परक शिक्षा हो, लक्ष्य पूर्ति युक्त शिक्षा हो इस विषय पर चर्चा, मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण के लिए सभी पूर्णकालिकों को व्यवस्था बनानी चाहिए। क्योंकि प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि आचार्य प्रशिक्षित होकर भैया/बहनों को शिक्षा के अतिरिक्त कौशल विकास की शिक्षा की ओर अग्रसर करेंगे। प्रयोगात्मक शिक्षा से भैया/बहन अवगत हो अर्थात आने वाले समय में अपने रुचि के अनुकूल अर्थकारी शिक्षा ग्रहण कर सकें।
माननीय क्षेत्रीय सचिव, श्री नकुल कुमार शर्मा जी ने इस त्रिदिवसीय बैठक में आगामी लक्ष्यों को चुनौती मानकर कार्य करने का मूलमंत्र दिया।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार से आजादी के 75वें वर्षगाँठ पर पूरे वर्ष भर जो अमृत महोत्सव मनाने का संकल्प लिया गया है उसे विद्यालय में अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजन करके कैसे भैया/बहनों को इसके महत्वों को बताया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्यालय में शिक्षा भारत केंद्रित हो इसपर विशेष बल देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूपेण अनुसरण करने और कराने हेतु मार्गदर्शन किया।
माननीय सचिव श्री मुकेश नन्दन जी ने पिछले वर्षों के कोरोना काल से हुई समस्याओं जिनमें संस्कृति ज्ञान परीक्षा में 100% भैया/बहनों, समाज के अन्य विद्यालय एवं अभिभावकों के नहीं जुड़ने पर खेद प्रकट करते हुए इसबार संस्कृति महोत्सव के रूप में इस वर्ष को मनाने के लिए पूर्णकालिकों का आह्वान किया और अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सभी को समाज के अन्य वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए कहा।
इस प्रकार इस त्रिदिवसीय पूर्णकालिक बैठक में अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा वार्ता हुई।
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