कुछ महत्वपूर्ण तरंगेFor NTPC,GROUP D,SSC,SUPER TET,STET,KVS,JNV,DSSSB etc




तरंग

  • तरंग एक ऐसी हलचल है जो ऊर्जा को बिना तत्वों को ले जाए हुए, एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है।

तरंगों के प्रकार

  • यांत्रिक तरंग (अनुदैर्ध्य तरंग और अनुप्रस्थ तरंग)
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंग

यांत्रिक तरंग

अनुदैर्ध्य तरंग

  • इस तरंग में माध्यम के कण तरंग की गति की दिशा में कम्पन्न करते हैं 
  • स्प्रिंग्स पर तरंगें या हवा में ध्वनी तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगों के उदहारण हैं।

अनुप्रस्थ तरंग

  • इस तरंग में माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत कम्पन्न करते हैं।
  • तनाव के अंतर्गत रस्सी पर तरंगें, पानी की सतह पर तरंगें अनुप्रस्थ तरंगों के उदहारण हैं।

विद्युत चुम्बकीय तरंग

  • वो तरंगें जिनके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नही होती उन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंगें कहते हैं
  • विद्युत चुम्‍बकीय तरंगें (गैर-यांत्रिक) तरंगे निम्‍न प्रकार हैं-
    a. गामा किरणें (सबसे अधिक आवृत्ति)
    b. X-किरणें
    c. UV किरणें
    d. दृश्‍य प्रकाश किरणें
    e. अवरक्‍त किरणें
    f. लघु रेडियो तरंगें
    g. दीर्घ रेडियो तरंगें (निम्‍नतम आवृत्ति)
    सभी आवृत्ति के घटते क्रम में हैं। 

  • निम्‍न तरंगें वैद्युत चुम्‍बकीय नहीं हैं - 
    a. कैथोड किरणें
    b. कैनाल किरणें
    c. एल्‍फा किरणें
    d. बीटा किरणें
    e. ध्‍वनि किरणें
    f. पराध्‍वनिक किरणें

ध्वनि तरंगें

  • ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें होती हैं। अपनी आवृति सीमा के आधार पर ध्वनि तरंगों को निम्न श्रेणियों में बांटी जाता हैं।
    (a) वो ध्वनि तरंगें जो 20 Hz से 20000 Hz की फ्रीक्वेंसी रेंज में आती हैं उन्हें श्रव्‍य तरंगें कहते हैं
    (b) ध्वनि तरंगें जिनकी फ्रीक्वेंसी 20 Hz से कम होती है उन्हें इन्फ्रासोनिक तरंगें कहते हैं।
    (c) ध्वनि तरंगें जिनकी फ्रीक्वेंसी 20000 Hz से ज्यादा होती है उन्हें पराध्‍वनिक तरंगें कहते हैं।
    सिग्नल भेजने के लिए, समुद्र की गहराई नापने के लिए, मशीनरी के भाग और कपड़ों की सफाई के लिए, फैक्ट्री की चिमनिओं से धुल और कालिख हटाने के लिए और अल्ट्रासोनोग्राफी में पराध्‍वनिक तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है।

ध्वनि की गति

  • ध्वनि की गति ठोस में अधिकतम और गैसों में न्यूनतम होती है।
  • जब ध्वनि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो उसकी गति और तरंगदेर्ध्य बदल जाती है पर आवृति नहीं बदलती। ध्वनि की गति दबाव के बढ़ने या घटने से नहीं बदलती है।
  • ध्वनि की गति, माध्यम के तापमान के बढ़ने से बढ़ती है।
  • ध्वनि की गति शुष्क हवा की तुलना में नम हवा में ज्यादा होती है क्यूंकि नम हवा का घनत्व, शुष्क हवा के मुकाबले कम होता है।

प्रतिध्वनि

  • ध्वनि तरंगों के परावर्तन के कारण बार बार उत्पन्न होने वाली ध्वनि को प्रतिध्वनि या एको कहते हैं।

तीव्रता

  • यह ऊर्जा की वो मात्रा होती है जो सामान्य एक बिंदु के प्रति क्षेत्रफल से एक सोर्स द्वारा एक समय पर गुज़रती है।

पिच

  • आवृति की अनुभूति को सामान्यतः एक ध्वनि की पिच के रूप में जाना जाता है।

सोनार

  • ये ध्वनि नेविगेशन और रेंजिंग के लिए होता है। इसका इस्तेमाल समुद्र की गहराई नापने के लिए, दुश्मनों की सबमरीन्स और टूटे हुए जहाजों को ढूँढने के लिए के होता है।

डॉपलर प्रभाव

  • अगर ध्वनि के स्त्रोत और श्रोता के बीच में सापेक्ष गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई देती है वो उस वास्तविक ध्वनि से अलग होती है जो स्त्रोत से निकली होती है। इस प्रभाव को डॉपलर प्रभाव कहते हैं। 

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