CTET TET : इन टीईटी पास अभ्यर्थियों को नहीं मिल पाएगा सर्टिफिकेट लाइफटाइम मान्य होने का फायदा

CTET TET: अभ्यर्थी इन टीईटी पास प्रमाणपत्रों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
  2011 में टीईटी में बिहार के अभय चंद्र प्रभाकर ने क्वालिफाई किया। फुलहारा बाजार बिदुपुर राजापाकर वैशाली के रहने वाले अभय कुमार 43 साल के हो गए हैं।  अब अभय कुमार शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं हो पाएंगे।  यह स्थिति केवल अभय चंद्रा की नहीं है, बल्कि राज्य भर में 20 हजार से अधिक टीईटी अभ्यर्थी हैं, जिनकी आयु शिक्षक नियोजन के लिए नहीं बची है।  अब ये अभ्यर्थी शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं हो पाएंगे।

  यह ध्यान दिया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने टीईटी की सात साल की वैधता को समाप्त करके टीईटी प्रमाणपत्र को हमेशा के लिए वैध कर दिया है।  लेकिन इसका लाभ केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगा जिनकी आयु नियोजन के लिए शेष है।  बिहार सरकार के अनुसार, शिक्षक नियोजन के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की आयु सीमा 37 वर्ष होनी चाहिए।  वहीं, ओबीसी वर्ग के लिए 42 वर्ष, एससी और एसटी वर्ग के लिए 45 वर्ष निर्धारित है।

  हर साल एक नियोजन  शिक्षक बन जाता: यदि नियोजन प्रक्रिया हर साल राज्य सरकार द्वारा की जाती, तो 20 हजार उम्मीदवारों को भी शिक्षक बनने का मौका मिलता।  टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजन शिक्षक संघ के प्रवक्ता अश्विनी पांडे ने कहा कि अभी तक केवल पांच बार नियोजन हुआ है।  जबकि नियोजन हर साल होना चाहिए था।  टीईटी पास करने के बाद भी हजारों अभ्यर्थी नियोजन में शामिल नहीं हो पाएंगे।


  मामला नंबर एक
  लखीसराय की पिंकी कुमारी बिहार टीईटी 2012 में उत्तीर्ण हुई। पिंकी कुमारी पिछले नौ वर्षों से रोजगार की प्रतीक्षा कर रही है।  लेकिन अभी तक प्लानिंग नहीं की गई है।  पिंकी कुमारी ने बताया कि मेरी उम्र 45 वर्ष है, अब मैं नियोजन में शामिल नहीं हो पाऊंगी।

  मामला 2

  पटना के अनिल कुमार 2011 के टीईटी में शामिल हुए।  उसने छठी से आठवीं तक की टीईटी दी।  अनिल कुमार ने बताया कि मैं अब प्लानिंग में शामिल नहीं हो पाऊंगा।  क्योंकि मैं योजना बनाने के लिए अपनी उम्र से अधिक हूं।

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